Wednesday, July 18, 2012

यह साधू की भाषा नही है साहिब

अपने रायपुर प्रवास के दौरान योग गुरू सवामी रामदेव ने जो बयान दिया है, वह सुनने में चटखारेदार भले लगें, मगर उसके पीछे का सच बहुत ही पीडाजनक और शर्मनाक हैं। बाबा ने अपने बयान में कांग्रेस के विवादास्‍पद नेता दिग्‍वजय सिहं  के लिए कहा कि उनके पापों के चलते एक दिन उन्‍हें कैंसर होकर रहेगा जैसे कि उनके परिजनों को हुआ है। यही यह बता देना जरूरी है कि दिगिविजय सिंह की पत्‍नी और बेटी कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझ रही हैं।
माना कि दिगविजय सिंह एक विवादित नेता है और वह कभी कभी हिंदुत्‍वादियों पर प्रहार करते समय आवश्‍यकता से अधिक तल्‍ख हो जाते हैं। यह भी स्‍वीकार्य है कि बाबा और सिंह में लंबे समय से 36 का आंकडा चला आ रहा है, परंतु राजनैतिक लडाई में योग गुरू ने दिग्‍िवजय पर प्रहार करते समय जिस प्रकार उनकी रूग्‍ण पत्‍नी और बेटी को हथियार बनाया है, क्‍या उसे उचित ठहराया जा सकता है। मेरा अपना विचार है कि इस प्रकार का कोई भी बयान इंसानियत के खिलाफ है, मगर हैरत है कि रामदेव के समर्थक इसमें काई खोट नहीं देख रहे है। बाबा के एक समर्थक ने तो यहां तक कह दिया कि अगर दिग्‍विजय के अनाप शनाप बयानों से क्षुब्‍ध बाबा ने ऐसा कह दिया तो क्‍या हो गया। यह तो मानव की स्‍वाभाविक प्रक्रिया है। अब उनसे कौन बहस करे कि मौत की शैया पर पडे व्‍यक्ति को उसका शत्रु भी क्षमा कर देता है, यहां तो मौत के विस्‍तर पर पडी दोनो महिलाएं रामदेव की शत्रु भी नहीं वरन शत्रु की बेटी और पत्‍नी हैं। मेरे ख्‍याल से यह विचार किसी आम आदमी के होते तो नजरअंदाज किया जा सकता था, मगर जब विश्‍व प्रसिद़ध योग गुरू ने ऐसी बात कही हो तो इसे हलके मे नहीं लिया जा सकता।
मै व्‍यक्तिगत रूप से कांग्रेस का समर्थक नही, मैने कभी उस पार्टी को वोट भी नहीं दिया है, मगर कोई जिम्‍मेदार गुरू निजी खुन्‍नस के तहत दो बीमार और निर्दोष महिलाओं का मजाक उडाएं यह भी मुझे सहन नहीं, अब अगर आदमी के पाप का फल मनुष्‍य को बीमारियों के रूप में मिलता है तो बाबा को यह बताना चाहिए कि उनकी आंख का विकार उनके किस पाप का प्रतिफल है।

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